Monday, May 13th, 2024

प्रधानमंत्री और राज्यपाल से ज्यादा फिक्स हो गया एमव्हीएम के प्रोफेसर गुप्ता का वेतन 

भोपाल
मोतलाल विज्ञान महाविद्यालय के एक प्रोफेसर की सैलरी देश के प्रधानमंत्री और राज्यपाल से ज्यादा निकल गई है। ये समस्या आनलाइन सैलरी की व्यवस्था जमाने में हुआ है। राज्य के सभी प्रोफेसरों को सातवें वेतनमान के तहत फिक्सेशन चल रहा है। इसमें काफी गड़बड़ियां सामने आ रही है। कहीं प्रोफेसरों वेतन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, तो कहीं प्रोफेसरों को छठवें वेतनमान से सैलरी तक नहीं मिल सकी है। 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 45,000, रोज का भत्ता 2000। मतलब उन्हें हर महीने का 62,000 रुपये और व्यय भत्ता 3000 रुपये, सब मिलाकर पीएम नरेन्द्र मोदी की सैलरी 1.06 लाख रुपये प्रति महीना है। वहीं सूबे की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की सैलरी साढ़े तीन लाख रूपए है। राज्य में कुलपति से लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर की सैलरी 60 हजार से शुरू होकर सवा दो लाख रुपए तक रखी गई है। इसके बाद भी एमव्हीएम के प्रोफेसर अशोक कुमार गुप्ता का वेतन तीन लाख 74 हजार 600 रुपए निर्धारित किया गया है। एमव्हीएम में ही कुछ प्रोफेसरों का सातवें वेतनमान के तहत वेतन कम हुआ और कुछ का बढ़ गया है। इसमें से कुछ के खाते में राशि पहुंच भी गई है और कुछ की आना शेष है। 

ये राज्यपाल का वेतन 
राष्ट्रपति को मिलने वाले वेतन भत्ता पांच लाख, उप राष्ट्रपति साढ़े चार लाख और राज्यपाल साढ़े तीन लाख भत्ते सहित वेतन मिलता है। कालेजों में सबसे ज्यादा वेतन स्नातकोत्तर प्राचार्य के पास होता है। क्योंकि उनका और विश्वविद्यालयीन प्रोफेसर और रजिस्ट्रार का वेतन एक समान एजीपी दस हजार रुपए के बाद निर्धारित होताहै। हालांकि एमव्हीएम में वेतन फिक्स करने वाले सॉफ्टवेयर के कारण ये समस्या बनी है। एमव्हीएम ने प्रोफेसरों के वेतन को सुधार करने के लिए प्रयास कर दिए हैं। 

होगी वसूली 
सातवें वेतनमान को फिक्स करने के लिए उच्चशिक्षाविभाग नेनोटिफिकेशन तक जारी कर दिया है। इसमें किसी भी प्रोफेसर के वेतन में कोई गड़बड़ी होती है, तो उसके जिम्मेदार प्राचार्य को मना जाएगा। यहां तक प्रोफेसर के अलावा प्राचार्य से विभाग वसूली तक करेगा। एमव्हीएम सहित अन्य प्रोफेसरों के वेतन में गड़बड़ी सामने आती है, तो उसकी वसूली उसी कालेज के प्राचार्य के वेतन होग।

ऐसे बनेगा प्रोफेसर का वेतन 
प्रोफेसर का छठवें वेतनमान के तहत बेसिक 35 400-67 हजार और गेड पे नौ हजार है। सातवां वेतनमान लगने के बाद उनका बेसिक 62580 हो गया है। इसमें नौ हजार एजीवी मिलाने के बाद नियम के मुताबिक 2.62 से गुणा किया जाएगा। इससे उनका वेतन एक लाख 86 हजार हो जाएगा। इसके बाद उनके वेतन में डीए नौ फीसदी जोड़ जाता है। जबकि एक जनवरी 2016 तक डीए जीरो था। इससे उनका वेतन एक लाख 80 से शुरू होकर दो लाख बीस हजार तक पहुंच जाएगा।  
 

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